4 दिसंबर 2024
आज आपके लिए अनुग्रह!
महिमा के राजा यीशु से मिलें और जीवन में राज करें क्योंकि परमेश्वर अपने कार्य की शुरुआत और परिणति करता है!
तब उसने मन्नत मानी और कहा, “हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दुःख पर दृष्टि करे और मुझे स्मरण करे, और अपनी दासी को न भूले, और अपनी दासी को एक लड़का दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर यहोवा को अर्पण करूँगी, और उसके सिर पर उस्तरा फिरने न पाएगी।””
1 शमूएल 1:11 NKJV
जो कुछ भी परमेश्वर द्वारा आरंभ किया जाता है और परमेश्वर में परिणति पाता है, वह निश्चित रूप से सफल होगा!
हन्ना ने सेनाओं के यहोवा के रूप में परमेश्वर का रहस्योद्घाटन प्राप्त करने के बाद मन्नत मानी।
उसकी मन्नत यह थी कि वह अपने निवेदन को परमेश्वर में परिणति पाते हुए देखे, जैसे कि उसने बालक को सेनाओं के यहोवा को लौटा दिया। शमूएल हमेशा के लिए परमेश्वर की संपत्ति बना रहा। उसने यहोवा को उधार दिया था (1 शमूएल 1:28)। लेकिन परमेश्वर किसी का कर्जदार नहीं है, उसने हन्ना को 3 और बेटे और 2 बेटियाँ दीं (1 शमूएल 2:21)।
परमेश्वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपने इकलौते बेटे यीशु को अपने सर्वोच्च बलिदान के रूप में दे दिया जिससे पूरी मानव जाति को मुक्ति मिली।
हम बदले में किस तरह का बलिदान दे सकते हैं?
हम अपने शरीर को जीवित बलिदान के रूप में सर्वशक्तिमान परमेश्वर को अर्पित कर सकते हैं (रोमियों 12:1,2)। हाँ!
कोई भी व्रत लेने वाला व्रत लेने वाले के नियंत्रण में होना चाहिए। इसे पवित्र आत्मा की प्रेरणा से शुरू किया जाना चाहिए। इसका परिणाम लोगों के लाभ में होना चाहिए और इसका समापन ईश्वर में होना चाहिए। यह ईश्वर-दयालु धार्मिकता है!
जब “मांगो और तुम्हें दिया जाएगा” (मैथ्यू 7:7) काम नहीं करता है, तो “देओ और तुम्हें दिया जाएगा” (ल्यूक 6:38) हमेशा काम करेगा।
परमेश्वर पिता न केवल धर्मी लोगों को बल्कि दुष्टों को भी देने वाला है (मैथ्यू 5:45) और पिता परमेश्वर के पुत्र भी (5:43-45) हैं।
वह कभी कर्जदार नहीं है। वह आपको बहुत पुरस्कृत करेगा . आमीन 🙏
हमारे धार्मिकता यीशु की स्तुति करें!!
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