16 जुलाई 2025
आज आपके लिए अनुग्रह!
पिता की महिमा का अनुभव आपको आशीषों का स्रोत बनाता है!
“स्पष्ट रूप से, अब्राहम और उसके वंशजों को पूरी पृथ्वी देने का परमेश्वर का वादा, परमेश्वर के नियमों के पालन पर नहीं, बल्कि विश्वास के द्वारा परमेश्वर के साथ एक सही रिश्ते पर आधारित था।
यदि परमेश्वर का वादा केवल उन्हीं के लिए है जो व्यवस्था का पालन करते हैं, तो विश्वास आवश्यक नहीं है और वादा व्यर्थ है।”
— रोमियों 4:13–14 (NLT)
परमेश्वर के वादे का सच्चा आधार: विश्वास के माध्यम से रिश्ता
आज का शास्त्र वाकई अद्भुत और मन को खोल देने वाला है।
परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था कि वह पूरी दुनिया के लिए आशीषों का स्रोत बनेगा —
व्यवस्था के पालन के कारण नहीं, बल्कि विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के साथ उसके सही रिश्ते के कारण।
कुंजी सीख:
1. आज्ञाकारिता से बढ़कर विश्वास:
- पारंपरिक विश्वास: हमें अक्सर सिखाया जाता है कि केवल आज्ञाकारिता के माध्यम से ही परमेश्वर हमें आशीर्वाद देंगे और अपने वादों को पूरा करेंगे।
- दिव्य सत्य: परमेश्वर के वादे पूरी तरह से उनकी पवित्र आत्मा पर आधारित हैं, हमारे कार्यों से स्वतंत्र।
2. पवित्र आत्मा की भूमिका:
- पवित्र आत्मा हमारे विचारों को परमेश्वर के विचारों के अनुरूप बनाकर हमारी आत्मा को पुनर्जीवित करता है, हमें उनके जैसा देखने, बोलने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
- यह परिवर्तन ही “विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के साथ सही संबंध” होने का अर्थ है।
3. धार्मिकता का अंगीकार:
- यह घोषणा करना कि आप यीशु के कारण परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी हैं, आपको परमेश्वर के साथ एक सही संबंध में स्थापित करता है।
- यह आपके भीतर उनकी शक्ति को सक्रिय करता है, जिससे आप अलग तरह से सोच पाते हैं, त्रुटिहीन कार्य कर पाते हैं, और उनकी प्रतिज्ञाओं को प्राप्त कर पाते हैं।
आमीन 🙏
पुनरुत्थानित यीशु की स्तुति हो!
ग्रेस रेवोल्यूशन गॉस्पेल चर्च